प्रेम नगर बसे मेरे प्रभुजी
ढूँढू चहुँदिशि ओर रे .....

वाणी रुख सूख सब पानी
मिले ना कही पर वास रे......
प्रेम नगर बसे मेरे प्रभुजी I

तल तलफत मीन भये जैसे
रहे सकल संसार में..........
प्रेम नगर बसे मेरे प्रभुजी
ढूँढू चहुँदिशि ओर रे II

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