होकर मैं मतवाला प्रभुजी द्वार तिहारे आया हूँ
नाथ करो कृपा मुझपर भी,
मैं शरण तुम्हारी आया हूँ I
जब भी कभी मैं संकट होता
आपका का नाम सदा मैं लेता
पीड़ा हरो दीनानाथ,द्वार तिहारे आया हूँ I
जो तुम नाथ,अनाथ के साथी
छटती प्रभुजी घोर उदासी
मेरे साथ रहो भोलेनाथ,
द्वार तिहारे आया हूँ II
Post a Comment