🌸 "सूरज फिर निकलेगा" 🌸


‎रात काली है, मगर डरना नहीं,
‎अंधेरों में भी एक सपना छिपा है कहीं।
‎ठहर जरा, ये वक्त भी कट जाएगा,
‎सूरज फिर निकलेगा, सवेरा मुस्कुराएगा।

‎काँटों में भी खुशबू का सफ़र होता है,
‎हर दर्द के पीछे कोई असर होता है।
‎जो गिरते हैं, वही उड़ना सीखते हैं,
‎जो रोते हैं, वही जीना सीखते हैं।

‎हवा चाहे कितनी तेज़ क्यों न चले,
‎दीया अगर सच्चा हो, बुझता नहीं भले।
‎रास्ते भटकाएंगे, कदम डगमगाएंगे,
‎पर हौसले वाले मंज़िल पा जाएंगे।

‎तो थाम ले अपने दिल की आवाज़ को,
‎भरोसा रख खुद के अंदाज़ को।
‎आज नहीं तो कल खिल जाएगी कली,
‎ज़िंदगी है — हार में भी जीत की गली।

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