मधुर हवा धीरे धीरे चलती है
ना नाम पता कुछ कहती है
मधुर हवा धीरे धीरे चलती है I
ह्रदय को उद्वेलित करके
सपनो को विच्छेदित करके,
मधुर हवा धीरे धीरे चलती है I
ताम्र पात्र के पन्नों पर
स्वर्ण अक्षरों से लिखती है,
सुबह शशि की तरु वेला में
मधुर हवा धीरे धीरे चलती है I
स्वच्छ सुगन्धित शीतल बन के
मन में आश जगा करके,
मधुर हवा धीरे धीरे चलती है
मधुर हवा धीरे धीरे चलती है I
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