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" हे माँ "
हे माँ आपके चरणों मे अपना सीस झुकाते है जग वंदन करे माँ आपकी आपके चरणों मे अपना शीश झुकाते है
'' इस नील गगन में ''
आजाद पंछी की तरह उड़ती रहो इस नील गगन में शर्माओ बलखाओ पास आओ अटखेलियाँ दिखाकर मन हर्षाओ मधुर कंठ से अपने जीवन की सारी खुशियां तुम बरसाओ पावन...
" दिल ढूँढता है तुमको "
दिल ढूँढता है तुमको तुमको पता है क्या मन सिंचता है इश्क़ को, तुमको पता है क्या I रहकर भी दूर तो,फिर भी गिला है क्या होगी ...
" उल्टा पुलटा "
जिसे ग़द्दार कहना था, उसे दिल से लगा बैठे । और जिसे दिल से लगाना था, उसे बहना बना बैठे । जिनसे चुरानी थी नज़र, उनसे नज़र मिला बैठे, और जिन...
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