यह उपन्यास तीन खंडों में विभाजित है । उपन्यास में दिखाया गया है कि कलयुग में मानव किस प्रकार से छद्म वेश धारण किए हुए है और कैसे वह समय पाकर अपने अंदर छिपे हुए दुराचार को बाहर लाता है । उपन्यास की शुरुआत दिल्ली में रहने वाले मध्यवर्गीय परिवार के रत्नलाल ( काल्पनिक ) की है l प्रथम खंड में रत्नलाल की प्राथमिक शिक्षा से लेकर माध्यमिक शिक्षा को दिखाया गया है और स्कूल के वातावरण को दर्शाया गया है l दूसरे खंड में रत्नलाल के उच्चस्तरीय शिक्षा तथा नौकरी तक के वातावरण को दिखाया गया है तथा रत्नलाल में आए बदलाओं को दिखाया गया है l तीसरे खंड में रत्नलाल के बुढ़ापे को दिखया गया है तथा किस प्रकार रत्नलाल को पछतावा होता है तथा उसका हृदय परिवर्तन हो जाता है उसको सविस्तार दिखया गया है l
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