तुम्हीं तो हो जो रोज़ मेरे सपनों में आती हो, हल्के से शर्माकर तुम पलकों को रोज़ झुकाती हो l मध्यम मध्यम स्वर में प्रिये जो तुम बात बताती हो, कर्णों को प्रिये, बातें प्रिय लगती है जब तुम गीत सुनाती हो ll
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