तुम सब समझती हो पर बोलती नहीं
अपनी जुबां की तड़पन को
बाहर आने देते नहीं,
लेकिन कब तक इसे रोक पाओगी,
दिल की बात कभी भी दिल में टिकती नहीं ll
अपनी जुबां की तड़पन को
बाहर आने देते नहीं,
लेकिन कब तक इसे रोक पाओगी,
दिल की बात कभी भी दिल में टिकती नहीं ll
मेरे अनुभव मेरी कविताएं
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