तेरी जुल्फों के साए में बैठा रहूं मैं यूँही
हो वर्षा तेरे प्यार की भीगा रहूं मैं यूँही II
ना कोई ख़्वाब हो
ना कोई उजास हो
फैला हो तेरे प्यार का उजाला
रोशन रहूं मैं यूँही II
भले ना कभी पन्हा हो
तेरी याद ही आठों याम हो
तुम्हें बसाऊ धड़कनो में
और मुस्कुराता राहु में यूँही II
Post a Comment