रेशम के इन कच्चे धागों में
प्यार है विश्वास है
गंगा की पावन धारा सी
कलकल करती,
इस बंधन का प्यार है ।
कभी साथ रहते, कभी झगड़ते
कभी मुँहफुलउवल की बात हो,
पर गंगा की पावन धारा सी
कलकल करती,
इस बंधन का प्यार है ।

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