ये कैसा कसमकस है कुछ समझ नहीं आता.... एक दिन आपका मैसेज आता एक दिन मेरा मैसेज जाता कभी पूरे दिन सन्नाटा कुछ समझ नहीं आता II कभी बात रहती जारी कभी छुटपुट में ही बात सारी कभी मैसेज भेजने को मन विचारे कुछ समझ नहीं आता II
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