प्यार बड़ा बलवान
इसकी तेज भई है धार
कोई न कर पावे इसे पार
इसका है ऐसा कमाल
जो भी देखे वो बेहाल I
जीवन कर देता बदनाम
कितने हो गए भव से पर
फिर भी फैल रहा इसका जाल I


नदी की धारा के समान
चले वेग अपार
बट जाती है
कई बार
मोहना का इसका है हथियार
जैसे दो धारी तलवार
आगे से काटे हर बार
पीछे से तड़पाती है यार 
लेकिन मीठी मीठी लागे इसकी मार II

कोई टिप्पणी नहीं