केजरी की बातें केजरी ही जाने,
लिखकर ले लो यार,
किस जगह किस करवट बैठे
लिख कर ले लो यार II
उठापटक मचाएं ऐसे
जैसे वनमा सांड़,
कब नया तूफान मचा दे,
लिख कर ले लो यार I
कभी केंद्र से कभी एल जी से
भिड़ना है स्वभाव
कभी गलत ब्यानी करके
फँस जाता है भाय,
कभी भी आपकी लॉटरी लग जाएं
लिखकर ले लो यार II
कभी किसी को भ्रष्ट बताये,
और मिलाये हाथ
कभी किसी बलात्कारी को
देता है सहाय
कभी भी इसको शर्म ना आये,
लिखकर ले लो यार II
दिल्ली भैया जी सम्भली नहीं
पहुँच गए पंजाब
ना जाने किन किन लोगो का
पत्ता होगा साफ़
अपने को छोड़ सबको भ्रष्टाचारी बतायें
लिख कर ले लो यार II
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