फूलों में गुलाब और गुलाब सा तेरा ख्वाब हो
तुम जब भी मुस्कुराओ  तो गुलाब कि बरसात हो II
ऊँगली तुम्हारी पंखुड़िया
हाथ तुम्हारे बेल है
तुम चलती जब भी प्रिये लगती,
खिलती काली गुलाब हो II
नैना तुम्हारे मृगलोचन
भौहें तुम्हारे तीर है
घायल हो जाता मैं, पलटकर जब भी तुम देखती
ऐसी तुम्हारी प्रीत हो II 

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