ज़िंदगी की राह में हम चलते रहे,
हवा के संग-संग सपने पलते रहे।
कभी धूप मिली, कभी साया मिला,
कभी हँसना सीख लिया, कभी रोना भी सिला।
कदम थक गए, मगर दिल नहीं टूटा,
हौसलों का दिया कभी जलना नहीं छूटा।
जो खोया, वो लौटा या बेहतर मिला,
हर दर्द ने हमें और मजबूत बना दिया।
यही तो है सफ़र—चलते जाना है,
रुकना नहीं, बस खुद को निभाना है।

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