प्यार कोई लफ़्ज़ नहीं, एक एहसास है,
दिल में छिपा हुआ मीठा-सा विश्वास है।
नज़रों से बात हो, तो शब्दों की ज़रूरत क्या,
धड़कनों में बसे कोई, तो फ़ासलों की हुकूमत क्या।
कभी रूठना, कभी मनाना—यही तो प्यार है,
नाज़ुक-सी डोर में बंधा मजबूत-सा संसार है।
कभी तन्हाइयों में रोशनी बनकर आता है,
कभी टूटे दिल को फिर से धड़कना सिखाता है।
प्यार वही जो दिन में भी चाँद दिखा दे,
रूह में हँसी, आँखों में सपने जगा दे।

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