🤣 “आधुनिक जमाने का महान आदमी” 🤣

मोबाइल पे झुका झुका, चलता महान आदमी,
ऑनलाइन रहता चौबीस घंटे, फिर भी कहे—“फ्री में परेशान आदमी”!

खाने में हेल्दी चाहिए, पर खाता गोलगप्पे आठ,
जिम की फोटो रोज़ डाले, खुद जाए हफ्ते में एक बार रात!

मीटिंग में बोले—“I agree”, समझे कुछ ना बापू,
गूगल करे meaning बाद में, चेहरे पर रक्खे ताबू!

घर पर बोले—“मुझे चाहिए शांत माहौल”,
फिर खुद ही चलाए रील्स—volume full control!

कहता—“समाज बदलना है”, तर्कों का वो भंडार,
पर वोटिंग के दिन सोया रहता—"आज छुट्टी है यार!"

सीरी, एलेक्सा से करें बहस, इंसानों से मुश्किल बात,
ऐसा आधुनिक महान वीर है, ग़ज़ब की उसकी औकात!

फिर भी दुनिया चलती इससे, यह भी एक सच्ची बात,

हँस लो थोड़ा जीवन पर—यही है हँसी का प्राण–विलास! 

कोई टिप्पणी नहीं