🇮🇳 भारतीय महिला क्रिकेट टीम 🇮🇳

(एक प्रेरणादायक कविता)

सीमाओं से परे उड़ चलीं ये बेटियाँ,
हाथों में बल्ला, आँखों में सपनियाँ।
मैदान में जब लहराती तिरंगी शान,
हर दिल से उठता — "जय हिंद, महान!"

घाम हो, बारिश हो, चाहे आँधी का दौर,
इनकी हिम्मत ना रुके, बढ़ता है शौर।
हर चौका, हर विकेट एक कहानी कहे,
“हम भारत की बेटियाँ हैं” — ये गूंज रहे।

झूलन की रफ़्तार जैसे बिजली की चाल,
मिताली की नज़र — सटीक, बेमिसाल।
स्मृति, हरमन की ताक़त का क्या कहना,
हर रन में झलकता है भारत का गहना।

ना डरीं ये कभी आलोचना की दीवारों से,
ना झुकीं ये कभी हार की पुकारों से।
इनके पसीने से भीगती मिट्टी की खुशबू,
कहती — “अब नारी भी है खेल की गुरु।”

आज हर नन्ही लड़की का सपना यही,
कंधे पर झंडा, दिल में रोशनी।
खेल में जो दम दिखाएँ दिन-रात,
वो हैं हमारी शेरनियाँ — भारत की बात!


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