"नई सुबह"

नवंबर 02, 2025
 🌅 नई सुबह रात की चादर हटी तो, सपनों की किरनें मुस्काईं। थके हुए मन की गहराइयों में, उम्मीदों ने फिर धुन गुनगुनाईं। पेड़ों ने झूला झुल...Read More